आज परमेश्वर के मार्ग पर जीना
सच्ची ईसाइयत एक "जीवन जीने का मार्ग है"। जीसस ने ल्यूक 4:4 में दृढ़ता से कहा है, "मनुष्य को मात्र रोटी पर नहीं जीना चाहिए, बल्कि परमेश्वर के प्रत्येक शब्द पर जीना चाहिए" (ल्यूक 4:4)। बाइबिल हमारे नियमित साधना की मार्गदर्शिका से बढ़ कर है; वह परमेश्वर का शब्द है, जो परमेश्वरीय जीवन का मार्ग - प्रेम करने, त्याग और सेवा करने का मार्ग दिखाता है। क्राइस्ट हमें उस मार्ग पर जीने का निर्देश देता है। वास्तव में, बाइबिल सच्चे ज्ञान की बुनियाद है। जीसस ने कहा था,"... तुम सत्य को जान जाओगे, और सत्य तुम्हें मुक्त कर देगा" (जॉन 8:32)।
इस पृथकता का तात्पर्य यह है कि जिन्हें परमेश्वर ने पुकारा है, वे अपने इर्द-गिर्द के लोगों की तुलना में भिन्न मार्ग से जीवन जीयेंगे, और वे ही सच्चे अर्थों में परमेश्वर के प्रशासन के "प्रतिनिधि" हैं (इफेसियन 6:20; 1 पीटर 2:9-10)। ईसाइयों को अपने देशों के नेताओं के लिए, जिन्हें परमेश्वर ने इस स्थान पर पहुँचाया है, प्रार्थना करनी चाहिए, परंतु परमेश्वर के चर्च ने अपने सदस्यों से ऐतिहासिक रूप से दुनियावी राजनीति में भाग न लेने की शिक्षा दी है।
जीवन जीने के परमेश्वरीय मार्ग के अनेक लाभों में एक दैवीय आरोग्य होना भी है। आरोग्य एक "आध्यात्मिक उपहार" है (1 कुरिन्थियोंस 12:1, 9)। परमेश्वर का एक हिब्रू नाम याहवेह रोफेका है, जिसका अर्थ है "वह शाश्वत शक्ति जो आरोग्य करती है"। महान परमेश्वर ही मालिक है जो "तुम्हारी सभी विषमताओं को क्षमा करता है, जो तुम्हारे सभी रोगों को आरोग्य बनाता है" (साम 103; 1 पीटर 2:24)। "क्या आपमें से कोई बीमार है? वह चर्च के वरिष्ठजनों को पुकारे, और वे उसके लिए प्रार्थना करें, उसे परमेश्वर के नाम पर तेल का लेप करें। और आस्था की प्रार्थना उस बीमार को बचाएगी, और परमेश्वर उसे खड़ा कर देगा। और यदि उसने पाप किए हैं, तो उसे क्षमा कर दिया जाएगा। दूसरों के किए अपराधों को क़बूल करें, और एक दूसरे के लिए प्रार्थना करें कि आपको आरोग्य किया जाए। धर्मसम्मत व्यक्ति की प्रभावशाली, भक्तिमयी प्रार्थना का बहुत लाभ होता है" (जेम्स 5:14-16)।
लिविंग चर्च ऑफ़ गॉड इस बाइबिल के सीधे निर्देशों का अनुकरण करता है। हमारा विश्वास है कि परमेश्वर आज प्रत्येक व्यक्ति के मामले में व्यक्ति की आस्था और परमेश्वर की इच्छा के अनुसार आरोग्य देता है।
परमेश्वर के शब्द समस्त मानवजाति को अपने पड़ोसियों से उसी प्रकार प्रेम करने का आदेश देते हैं जैसा वे स्वयं को करते हैं (लेविटिकस 19:18; मैथ्यू 22:39; एक्ट्स 17:24-29)। परमेश्वर ने खुलासा किया है कि अब यहूदी और गैर-यहूदी दोनों को स्वतंत्र रूप से मुक्ति प्रस्तुत की जाएगी (एक्ट्स 10:34-35; रोमन्स 10:12-13; सी.एफ़. जोएल 2:32)। हमारा विश्वास है कि सभी जातियों के लोगों के प्रति प्रेम और गहन सम्मान प्रदर्शित किया जाना चाहिए (रोमन्स 13:10)।
जीवन जीने का परमेश्वरीय मार्ग जानना आपके लिए परम शांति और खुशी और सफलता देने वाला हो सकता है, हमारी पुस्तिका दस नियम पढ़ें।